आंसू
आज फिर से आँखों से सैलाब निकला
फिर अपने दर्द को मैने छुपाया
फिर अपने दर्द को मैने छुपाया
आँखो को मैने समझाया बड़ी हो गई हु मै
अब यह आंसू से मेरा नाता नही
दुनिया मै जीना हे तो खुद मे जिऒ
अपने दर्द को भी खुद मै ही सेमेटो
आज फिर से आँखों से सैलाब निकला
दिल ने कहा आँखों से रोया करो कम
क्योंकि रोते हो तुम ,और तड़पते है हम ,
आँखों ने कहा दिल से सोचा करो कम
क्योंकि मायूस होते हो तुम और आंसू बहाते हैं हम
आँखों ने कहा दिल से सोचा करो कम
क्योंकि मायूस होते हो तुम और आंसू बहाते हैं हम
आज फिर से आँखों से सैलाब निकला
फिर अपने दर्द को मैने छुपाया