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I am the creator of my own destiny..Am here on earth to enjoy the cream of the creamiest..:))..n Happiness is my birth right..:))..:))..:))..:))..:))..:) Quite a lot of surprises, wierd thoughts, uneasy feelings about things happening around, thoughts about initiating changes, thoughts about making a difference and so on, and on – is the planned agenda of this blog.

Thursday, July 9, 2015

मै कब रूठी थी बच्चपन से बच्चपन ही मुझसे रूठ गयी





मै कब रूठी थी बच्चपन से बच्चपन ही मुझसे रूठ गयी
हर हँसी भी  एक राज़ है जो ज़िन्दगी जीने का साज़ है
अब यही हमराज़ है और आगे बढ़ने का ताज़ है
मै कब रूठी थी बच्चपन से बच्चपन ही मुझसे रूठ गयी
काश आज भी एक छोटी बच्ची होती हर हँसी मेरी ही होती
मै कब रूठी थी बच्चपन से बच्चपन ही मुझसे रूठ गयी  
खबर न थी क़ुछ सुबह की न शाम का ठिकाना होता था 
दादी की कहानी होती थी परियों का फ़साना होता था
रोने की वजह न होती थी हँसने का बहाना होता था
श्याद् बड़ी हो चुकी ,इस ज़िन्दगी के उतार चढाव मे
न तो यह दर्द का  एहसास रहता न तो यह राज़ बनता
किसको पता कितना दर्द है बस अब यही मेरा हमदर्द है
मै कब रूठी थी बच्चपन से बच्चपन ही मुझसे रूठ गयी   


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