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I am the creator of my own destiny..Am here on earth to enjoy the cream of the creamiest..:))..n Happiness is my birth right..:))..:))..:))..:))..:))..:) Quite a lot of surprises, wierd thoughts, uneasy feelings about things happening around, thoughts about initiating changes, thoughts about making a difference and so on, and on – is the planned agenda of this blog.

Wednesday, April 4, 2012

ज़िन्दगी - एक कैद


वक़्त की कैद में ज़िन्दगी है मगर,
चंद घड़ियाँ यहीं हैं जो आज़ाद हैं


इन चंद घड़ियों में ही न जाने
कितनी  यादें हैं ,कितने सपने हैं  ,
कुछ करने की तमन्ना  हैं

कभी खोने का भी गम मिला ,
पाने की भी ख़ुशी मिली
लेकिन वक़्त की कैद में ज़िन्दगी है
 मगर,
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इन चंद घड़ियों में ही न जाने कितनी  यादें हैं ,
कुछ बात नसीबों के है, कुछ हैं हमारे फैसले ,
सुकून दे गए कुछ तो , कुछ बेवजह निकले
नाम बेनाम तेरा मेरा कोई रिश्ता तो है
मेरे रोने के साथ , तू भी सिसकता तो है
कुछ पल के लिए ही सही, पर मेरा फ़रिश्ता तो है
लेकिन वक़्त की कैद में ज़िन्दगी है 
 मगर,
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
 कुछ पाने की ख्वाहिश है ,कुछ कर जाने की हिम्मत है ,
 कुछ  छुपे हुए राज़ है ,कुछ  छुपे हुए अल्फाज़ है 
फिर भी ज़िन्दगी जीने का यही साज है
वक़्त की कैद में ज़िन्दगी है मगर,
चंद घड़ियाँ यहीं हैं जो आज़ाद हैं |
@N!DH!

3 comments:

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  2. nice poem nidhi... life is nothing but to get something n to loose something... bt still v love it... n ur poem reflects it very precisely :) :)

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